विभा के राष्ट्रीय आयोजन सचिव श्री जयंत सहस्रबुद्धे ने 16/10/2019 को सीएसआईआर-इमटेक का दौरा किया।
भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2019 IISF2019
भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2019 के प्रचार-प्रसार कार्यक्रम के अंतर्गत विज्ञान भारती संस्था VIBHA के राष्ट्रीय आयोजन सचिव श्री जयंत सहस्रबुद्धे जी दिनांक 16/10/2019 को सीएसआईआर-इमटैक में पधारे थे ।
यह आयोजन सीएसआईआर-इमटैक एवं सीएसआईआर-सीएसआईओ ने संयुक्त रूप में आयोजित किया गया था । डॉ मनोज राजे, निदेशक सीएसआईआर-इमटैक एवं प्रो आर के सिन्हा, निदेशक सीएसआईआर-सीएसआईओ ने श्री जयंत का स्वागत किया । साथ ही केन्द्रीय विद्यालय अन्य स्कूलों से आए शिक्षक और विद्यार्थियों का भी अभिनंदन किया ।
श्री जयंत सहस्रबुद्धे ने IISF2019 के बारे में बताया कि यह अनूठा विज्ञान महोत्सव अपने आप में बहुत प्रकार की विविधताएँ समेटे हुए है । इस आयोजन में वैज्ञानिक, इंजीनियर, शौधकर्ता, शिल्पिकार, किसान, विद्यार्थी ... एवं अन्य आमंत्रित हैं । इस बार 28 अलग अलग तरह आयोजन इस महोत्सव में होने वाले हैं । महोत्सव में सम्मिलित होने के इच्छुक व्यक्ति आयोजन की वेबसाइट पर खुद को रजिस्टर कर सकता है । उन्होने कहा कि महोत्सव में पहुँचने में किसी भी प्रकार की मुश्किल आने पर विद्यार्थीगण आयोजंकर्ताओं को संपर्क कर सकते हैं और उनकी यथासंभव मदद की जाएगी । श्री जयंत ने यह भी बताया कि सरकार विज्ञान को क्षेत्रीय भाषाओं में बढ़ावा देने को प्रयासरत है परंतु इस कार्य में प्रत्येक देशवासी को अपनी तरफ से आगे होना होगा ।
श्री जयंत ने गतवर्षों में आयोजित करे गए भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के कई अनुभव साझा करते हुए वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों से अधिकाधिक संख्या में महोत्सव में आने की निवेदन किया ।
डॉ मनोज राजे ने अपने व्याख्यान में कहा कि विज्ञान सिर्फ महंगी प्रयोगशालाओं में ही सीमित नहीं है । विज्ञान और नवाचार हर कहीं और हर किसी के द्वारा संभव है । उन्होने घरेलू उपचारों और विधियों को नवाचार का हिस्सा बताते हुए सरल भाषा में सभी से विज्ञान की प्रगति में सहयोग करने का आह्वान किया ।
प्रो आर के सिन्हा ने अपने संक्षिप्त व्याख्यान में सभी से भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2019 को सफल बनाने का निवेदन करा । साथ ही उन्होने कहा कि विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सभी को अपने स्तर पर प्रयास करने चाहिए ।
कार्यक्रम के अंत में श्री जयंत ने वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों के सवालों के उत्तर दिये ।
अंतिम संशोधित तिथि :- 07-08-2024